सदस्यता बहाल होने के बाद संसद पहुंचे राहुल गांधी, जानें कैसे हुई संसद में वापसी, क्यों गई थी सदस्यता

First Ever News Admin
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Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई, साथ ही लोकसभा सचिवालय की ओर से इसे लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (SC) ने शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा और दोषसिद्धि को रद्द कर दिया था। rn

137 दिन बाद संसद पहुंचे राहुल गांधी

आपको बता दें कि संसद सदस्यता बहाली के बाद राहुल गांधी सोमवार को संसद पहुंचे। तो वहीं 137 दिन बाद संसद पहुंचे राहुल गांधी का I.N.D.I.A गठबंधन के सांसदों ने स्वागत किया। इसके साथ ही पहले राहुल गांधी ने अपना ट्विटर का बायो भी बदल लिया। इसमें उन्होंने संसद का सदस्य लिखा है। दरअसल राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद हैं।rn

लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गांधी को मिली दो साल की सजा और दोषसिद्धि को रद्द कर दिया था। और इसी के साथ उनके संसद में वापसी का रास्ता साफ हो गया था। तो वहीं इसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से सोमवार को अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी गई। rn

ऐसे गई थी राहुल गांधी की संसद सदस्यता

आपको बता दें कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था- नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?। जिसके बाद राहुल के बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। साथ ही शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?rn

सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार दिया था

तो वहीं राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में चार साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। rn

ऐसे रद्द होती है सदस्यता

बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है, कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं।rn

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