Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है, एक बार फिर यहां उग्रवादियों ने तीन लोगों की बेरहमी से हत्या तक दी। आपको बता दें कि मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में शुक्रवार देर रात उग्रवादियों ने पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की हत्या कर दी।rn
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तो वहीं पुलिस ने शनिवार सुबह बताया कि जिले के क्वाक्टा इलाके में तीनों लोगों को सोते समय गोलियां मारी गईं। इतना ही नहीं उन पर तलवार से हमला भी किया गया। पुलिस के मुताबिक, हमलावर चुराचांदपुर से आए थे। तो वहीं घटना के तुरंत बाद गुस्साई भीड़ क्वाक्टा में जमा हो गई और चुराचांदपुर की तरफ बढ़ने लगी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोक दिया। rn
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आपको बता दें कि मणिपुर में 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति द्वारा शनिवार को बुलाई गई 24 घंटे की आम हड़ताल से इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और लगभग सभी इलाकों में बाजार व व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। साथ ही हड़ताल के दौरान सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे और केवल कुछ निजी वाहन ही चलते दिखे, हड़ताल के कारण स्कूल भी बंद रहे।rn
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ऐसे शुरु हुई थी हिंसा, अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौतrn
आपको बता दें कि मणिपुर में हिंसा के चलते अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है। दरअसल अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन किया था। जिसके बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। बता सदें कि राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। तो वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। rn