M3M मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी (ED) ने पंचकूला की विशेष अदालत में तैनात एक निलंबित न्यायाधीश के भतीजे को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार सामने आया है अजय परमार को पूर्व न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कथित रिश्वत मामले से जुड़ी मनी लॉड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। तो वहीं ED के अधिकारियों का कहना है कि अजय परमार के आवास पर कल देर शाम तलाशी अभियान चलाया गया, जहां से कुछ अहम सबूत भी मिले हैं।rn
rn
विशेष अदालत के पूर्व न्यायाधीश सुधीर परमार के भतीजे अजय परमार को मनी लॉड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में ले लिया गया, बता दें कि एजेंसी द्वारा इस मामले में 14 जून को गुरुग्राम स्थित रियल्टी समूह एम3एम (M3M) के दो निदेशकों और ‘प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्तियों’ – बसंत बंसल और पंकज बंसल को गिरफ्तार किए जाने के ठीक एक दिन बाद यह गिरफ्तारी हुई है।rn
rn
बता दें कि अजय परमार अपने चाचा और पूर्व ED/सीबीआई जज सुधीर परमार और M3M इंडिया के निदेशक रूप कुमार बंसल के साथ पंचकूला में हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज 17 अप्रैल की प्राथमिकी में आरोपी है। अजय को ACB 13 जून के प्रवर्तन में नामजद किया गया है। निलंबित न्यायिक अधिकारी सुधीर परमार और गिरफ्तार एम3एम निदेशक रूप बंसल को भी ईसीआईआर में नामजद किया गया है।rn
rn
ED इस मामले में लगातार शिकंजा कसती जा रही है, अब तक इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर बसंत बंसल के साथ एक और व्यक्ति को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले भाई रूप बंसल को ईडी रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। बसंत बंधुओं पर 400 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। दोनों भाइयों पर सेल कंपनियों के जरिए 400 करोड़ रुपए जुटाने का आरोप लगा है।rn
rn
तो वहीं अभी तक की जांच में सामने आया है कि M3M ग्रुप ने IRO ग्रुप से 400 करोड़ रुपए लिए हैं, M3M ग्रुप में ट्रांजेक्शन को डेवलपमेंट पेमेंट दिखाया गया है। ईडी इस मामले में M3M ग्रुप की करोड़ों रुपए की संपत्ति अब तक जब्त कर चुकी है। 10 दिन पहले गुरुग्राम में ED ने रियल एस्टेट कंपनी M3M के ठिकानों पर सोमवार को छापेमारी करके 60 करोड़ की लग्जरी कारें और 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त की थी।