ED Raid: एक बड़ी खबर सामने आ रही है, ED को एक बड़े नेता घर से भर भरकर सोना और अमेरिकी डॉलर मिले हैं। बता दें कि ED ने 24 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद करोडों का खुलासा हुआ है। ED ने पूरे मामले का खुलासा किया है।
ED ने किया बड़ा खुलासा
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने कहा- लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार द्वारा कथित रूप से नौकरी के बदले जमीन मामले में अधिग्रहीत की गई भूमि कि कीमत वर्तमान में लगभग 200 करोड़ रुपये है। तो वहीं केंद्रीय एजेंसी ने लालू प्रसाद के परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अन्य संपत्तियों की एक लंबी सूची भी जारी की है और कहा- यह संपत्ति भी यादव परिवार ने उस घोटाले के माध्यम से ही अर्जित किया है।
ED का बयान आया सामने
बता दें कि ED ने एक बयान में कहा- अब तक की गई पीएमएलए जांच से पता चला है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों का अवैध रूप से अधिग्रहण किया गया था।
करोड़ों का हुआ खुलासा
इसके बाद ED कि तरफ से कहा गया- इन भूमि पार्सल का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है। तो वहीं इस संबंध में, कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और इन जमीनों के लाभकारी मालिकों की पहचान भी की गई है. रेलवे लैंड फॉर जॉब स्कैम में विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, दिल्ली एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई।
तो वहीं परिणामस्वरूप 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने के सिक्के और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के गहने जो लगभग 1.25 करोड़ रुपये मूल्य के हैं बरामद हुए है। विभिन्न संपत्ति दस्तावेजों, बिक्री कार्यों आदि सहित कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।
रेड में ये मिला
तो वही ED रेड के परिणामस्वरूप इस समय लगभग 600 करोड़ रुपये की अपराध की आय का पता चला है, जो कि 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के रूप में है और 250 करोड़ रुपये के लेनदेन विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से किए गए हैं।
जमीन के बदले नौकरी
तो वहीं जमीन के बदले नौकरी घोटाला में तेजस्वी यादव को सीबीआई ने अपने दिल्ली दफ्तर में तलब किया था। इस मामले में लालू यादव और उनका पूरा परिवार सीबीआई की जांच की जद में है। इससे पहले 4 फरवरी 2023 को भी तेजस्वी यादव को सीबीआई ने जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वह विधानसभा सत्र चलने का हवाला देकर दिल्ली नहीं पहुंचे थे। इस बार तेजस्वी यादव ने सीबीआई को पत्र लिखकर पत्नी की तबीयत का हवाला देते हुए समन टालने की मांग की है।
लगभग 2 करोड़ की कीमत की जमीनें दिखाई गई थी
बताते दें कि 2006-07 में एक कंपनी एके इंफोसिस्टम ने 6-7 जमीनें रजिस्ट्री कराईं थीं. उस समय रजिस्ट्री में लगभग 2 करोड़ की कीमत जमीनों की दिखाई गई थी, जबकि मार्केट वैल्यू लगभग 10 करोड़ थी, बाद में इस कंपनी में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने इंट्री कर कर ली थी। वर्तमान में इस कंपनी के आधे शेयर राबड़ी देवी के हैं और आधे तेजस्वी यादव के हैं। अब तक 10 लोग ऐसे चिन्हित हो चुके हैं, जिन्हें रेलवे के ग्रुप डी की उस समय नौकरी मिली और इसके बदले उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री की थी।
जाने पूरा मामला आखिर क्या है?
आपको बता दें कि लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में भूखंड प्राप्त होने या इसे बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिये जाने से संबद्ध है।
तो वहीं अधिकारियों ने बताया- सीबीआई ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था।