CBI Raid; सत्यपाल मलिक के घर-दफ्तर पर CBI की रेड, 30 ठिकानों पर छापेमारी, जानें मामला

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CBI Raid; CBI raid on Satyapal Malik's home and office, raid on 30 places, know the matter

Satyapal Malik CBI Raid News: जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। आपको बता दें कि मलिक के घर और दफ्तर पर सीबीआई (CBI Raid) ने छेपेमारी की है। तो वहीं सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि उन्हें राज्य का गवर्नर रहते परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

CBI Raid; CBI raid on Satyapal Malik's home and office, raid on 30 places, know the matter
CBI Raid; CBI raid on Satyapal Malik’s home and office, raid on 30 places, know the matter

CBI ने 30 ठिकानों पर की छापेमारी

आपको बता दें कि मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। खबरों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई (CBI) ने गुरुवार सुबह पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के दिल्ली स्थित आवास और दफ्तर की तलाशी ली। तो वहीं इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने गुरूग्राम, चंडीगढ़, पटना, दिल्ली, जोधपुर, बाड़मेर, नोएडा और बागपत में 30 ठिकानों पर छापेमारी की।

ये है मामला, जिसके चलते हुई छापेमारी!

बताया जा रहा है कि मामला किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर प्रस्तावित कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2019 में 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क का कॉन्ट्रैक्ट देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। तो वहीं आरोप है कि यह आरोप है कि कीरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में, ई-टेंडरिंग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया।

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CBI Raid; CBI raid on Satyapal Malik’s home and office, raid on 30 places, know the matter

साथ ही आरोप लगाया गया कि सीवीपीपीपीएल की 47वीं बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि रिवर्स ऑक्शनिंग के साथ ई-टेंडरिंग के माध्यम फिर से क्रॉन्ट्रैक्ट आवंटित किया जाएगा।तो वहीं निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के बाद, इसे लागू नहीं किया गया और सीवीपीपीपीएल की 48वीं बोर्ड बैठक में पिछली मीटिंग के निर्णय को उलट दिया गया।

तो वहीं सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि उन्हें राज्य का गवर्नर रहते परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

 

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