Carl Gustaf M4 Rifle: हरियाणा में बनेगा दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार, साल 2024 में तैयार हो जाएगा, जानें एंटी-टैंक हथियार की खासियत…

First Ever News Admin
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First Ever News, Carl Gustaf M4 Rifle: वैसे तो हमारी इंडियन आर्मी दुश्मनों से अपना लोहा मनवा चुकी है, लेकिन क्या आप जानते हैं अब दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार हमारे देश में ही बनेगा। आपको बता दें कि हरियाणा में दुनिया का सबसे खतरनाक एंटी-टैंक हथियार बनाया जाएगा। तो वहीं इस हथियार का नाम है कार्ल गुस्ताफ एम 4 है, ये रॉकेट लॉन्चर हैं पर इसको राइफल कहते हैं।rn

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स्वीडन की कंपनी SAAB को मिला 100 प्रतिशत FDI- rn

बता दें कि स्वीडन की कंपनी SAAB को भारत में डिफेंस सेक्टर का पहला 100 प्रतिशत FDI मिला है। तो वहीं संभावना है कि यह कंपनी हरियाणा में अपनी फैक्ट्री लगाएगी। यहां दुनिया का सबसे खतरनाक एंटी-टैंक हथियार बनाया जाएगा।rn

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इस हथियार से कई तरह के फायदे होंगे- rn

तो वहीं यह हथियार भारत में बनेगा तो कई तरह के फायदे होंगे। दरअसल कार्ल गुस्ताफ एम4 रिकॉयललेस राइफल है, इस वेपन सिस्टम को साब की नई सब्सिडियरी कंपनी साब एफएफवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड करेगी। यह कंपनी पहली बार स्वीडन से बाहर कोई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने जा रही है।rn

SAAB के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गॉर्जेन जोहान्सन ने ये कहा- rn

बता दें कि SAAB के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गॉर्जेन जोहान्सन ने कहा- हम कार्ल गुस्ताफ एम4 रॉकेट लॉन्चर की टेक्नोलॉजी भारत को हस्तांतरित कर देंगे। तो वहीं भारत में बना पहला हथियार साल 2024 में तैयार हो जाएगा।rn

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प्रोडक्शन का बड़ा हिस्सा पहले भारतीय सेना को मिलेगा-

दरअसल भारतीय सेना ने साब से पहले ही M4 वैरिएंट मंगा रखे हैं, तो वहीं भारत के प्रोडक्शन का बड़ा हिस्सा पहले भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों को मिलेगा। इसके बाद हथियारों को स्वीडन ले जाकर, वहां से उनका अंतरराष्ट्रीय डील किया जाएगा। rn

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ये है कंधे पर रख कर दागा जाने वाला हथियार- rn

बताया जा रहा है कि ‘कार्ल गुस्ताफ एम4 राइफल’ कंधे पर रख कर दागा जाने वाला हथियार है। तो वहीं इसके चार वैरिएंट हैं- M1 को 1946 में बनाया गया था, M2 को 1964 में बनाया गया था, तो वहीं M3 को 1986 में बनाया गया था।rn

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पहले से है भारतीय सेनाओं के पास यह वैरिएंट- rn

बता दें कि भारतीय सेना के पास यह वैरिएंट पहले से है, तो वहीं उसका उत्पादन भारत में ही होता है। M3 को भारत में म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड और एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड मिलकर बनाते हैं। भारत की ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड कार्ल गुस्ताफ एम3 को भारत में ही बना रही है, उसकी रेंज 1200 मीटर है और उसका उत्पादन भी भारत में जारी रहेगा।rn

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कार्ल गुस्ताफ एम4 को 2014 में बनाया गया- rn

खबरों के मुताबिक कार्ल गुस्ताफ एम4 को साल 2014 में बनाया गया है। दरअसल यह दुनिया के अत्याधुनिक रॉकेट लॉन्चरों में से एक है, इसका वजन 6.6 किलोग्राम है, लंबाई 37 इंच है, तो वहीं इसे चलाने के लिए दो लोगों की जरुरत होती है। इनमें एक गनर और दूसरा लोडर होता है। rn

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एक मिनट में छह राउंड दाग सकता है- rn

इसके साथ ही इसमें 84 mm व्यास और 246 mm लंबा रॉकेट लगता है, यह एक मिनट में छह राउंड दाग सकता है। तो वहीं इस रॉकेट लॉन्चर से दागे जाने के बाद इसके गोले अधिकतम 840 फीट प्रति सेकेंड की गति से आगे बढ़ते हैं। 918 km प्रतिसेकेंड की गति, अगर दुश्मन चलती फिरती गाड़ी में है तो इसकी सटीक रेंज 400 मीटर है, गाड़ी खाड़ी है तो 500 मीटर। अगर स्मोक और हाईएक्सप्लोसिव गोले का उपयोग करते हैं तो रेंज 1000 मीटर है, लेकिन अगर रॉकेट बूस्टेड लेजर गाइडेड हथियार दागते हैं तो 2000 मीटर तक गोला जाता है।rn

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कार्ल गुस्ताफ एम4 में लग सकते हैं 10 तरह के हथियार-

बता दें कि कार्ल गुस्ताफ एम4 में 10 तरह के हथियार लग सकते हैं, यानी एक ही वेपन सिस्टम से दुश्मन के ऊपर दस तरह के हथियार दागे जा सकते हैं। यानी एंटी पर्सनल HE और ADM, सपोर्ट वॉरहेड यानी Smoke, Illum, HEAT, एंटी ऑर्मर HEAT 551, 551C, 751. इसके अलावा मल्टी रोल एंटी स्ट्रक्चर वॉरहेड में ASM 509, MT 756, HEDP 502, 502 RS. इनका वजन 1.7 kg तक हो सकता है।rn

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चीन की सीमा के पास LAC पर तैनात जवानों को दिया जाएगा- rn

तो वहीं भारत में बनाए गए SAAB कंपनी के कार्ल गुस्ताफ एम 4 को उन जवानों को दिया जाएगा, जो चीन की सीमा के पास LAC पर तैनात हैं। दरअसल चीन कभी भी क्लोज कॉम्बैट यानी नजदीकी लड़ाई की कोशिश नहीं कर पाएगा। rn

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तो वहीं गॉर्जेन जोहान्सन ने कहा- सिर्फ हथियार नहीं बल्कि उसके हिस्सों का भी निर्माण करेंगे, गॉर्जेन जोहान्सन ने आगे कहा- हम भारत में अत्याधुनिक और स्टेट-ऑफ-द-आर्ट हथियार बनाएंगे।rn

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तो वहीं भारतीय सेना को भारत में ही बने हुए कार्ल गुस्ताफ एम 4 रॉकेट लॉन्चर सिस्टम मिलेंगे। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही निर्माण से लेकर मरम्मत तक, प्रोडक्शन से लेकर सर्विसिंग तक, सारा काम यहीं होगा।rn

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