Adipurush: बदले जाएंगे ‘आदिपुरुष’ के विवादित डायलॉग्स, ‘जलेगी तेरे बाप की’ समेत पांच डायलॉग्स पर मचा है बवाल

First Ever News Admin
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Adipurush Dialogue: बीते 16 जून को रिलीज हुई फिल्म ‘आदिपुरुष’ के विवादित डायलॉग्स से बवाल मचा हुआ है, लेकिन अब इसकी भयानक ट्रोलिंग भी हो रही है। फिल्म में किरदारों के मुंह से बोलवाई गई भाषा को लेकर लोगों को आपत्ति है।

Adipurush: बदले जाएंगे 'आदिपुरुष' के विवादित डायलॉग्स, 'जलेगी तेरे बाप की' समेत पांच डायलॉग्स पर मचा है बवाल

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काफी बवाल के बाद अब डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला लगातार इस पर सफाई दे रहे हैं। मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने बताया है कि फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे, उन्हें संशोधित किया जाएगा और इसी हफ्ते वो फिल्म में शामिल किए जाएंगे।rn

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मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कियाrn

बता दें कि मनोज मुंतशिर ने ट्वीट किया कि रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना, सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है. आदिपुरुष में 4000 से भी ज्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं. उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं. मेरे ही भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे।

Adipurush: बदले जाएंगे 'आदिपुरुष' के विवादित डायलॉग्स, 'जलेगी तेरे बाप की' समेत पांच डायलॉग्स पर मचा है बवाल

वहीं मनोज मुंतशिर ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कविताएं पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। इसके बाद लिखा की मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे।

शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फिल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।rn

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उन्होंने आगे लिखा कि क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है. मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे. हम एक-दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गए तो सनातन हार जाएगा। उन्होने लिखा की हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनाई है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।

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