Kawad Yatra 2023: भोलेनाथ को सावन का महीना बड़ा ही प्रिय होता है। तो वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना हर साल श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरु होता है, इस बार भी कल यानी 4 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से सावन का महीना शुरु हो रहा है। rn
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तो वहीं सावन का महीना शुरू होते ही भोलेनाथ के भक्त बड़ी संख्या में कांवड़ यात्रा लेकर अपने आराध्य की आराधना करने के लिए निकल पड़ते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कांवड़ यात्रा कितने प्रकार की होती है, अगर नहीं जानते तो हम आज आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं..rn
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इनमें सबसे पहले होती है सामान्य कांवड़ यात्रा, इस यात्रा में कांवड़िए अपनी सुविधा के अनुसार कहीं पर भी विश्राम करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। हर जगह इनके लिए पंडाल लगे मिलते है, जहां पर उनके भोजन और विश्राम का बंदोबस्त किया जाता है। rn
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इसके बाद होती डाक कांवड़ यात्रा, इस यात्रा में कांवड़िए एक बार चलना शुरू करते हैं, तो बीच में कहीं नहीं रुकते। लेकिन जब यह मंदिर पहुंचते हैं तो इनके लिए रास्ता साफ कर दिया जाता है, ताकि यह बिना रुके सीधे शिवलिंग पर पहुंचकर जलाभिषेक करें।rn
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इसके बाद होती है खड़ी कांवड़ यात्रा, इस यात्रा में एक कांवड़िया अपने साथ दो तीन लोगों को लेकर चलता है, जब वह विश्राम करता है, तो दूसरा सहयोगी उसकी कांवड़ को लेकर चलता है।rn
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उसके बाद होती है दांडी कांवड़ यात्रा, इस यात्रा को सबसे कठिन कांवड़ यात्रा माना जाता है, क्योंकि जब शिवभक्त एक नदी के तट से यात्रा शुरू करते हैं, तो वे लोग ये यात्रा दांडी के सहारे पूरी करते हैं, इसकी वजह से इस यात्रा में कभी-कभी महीनों का समय भी लग जाता है।rn
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इस साल सावन 58 दिनों का होगाrn
आपको बता दें कि इस साल सावन 58 दिनों का होगा, यानी भगवान भोलेनाथ की पूजा-पाठ और भक्ति के लिए सावन का महीना दो माह का होगा। तो वहीं 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा। हर साल सावन के महीने में भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा निकालते हैं, इस दौरान गंगा का जल लेकर शिवालय जाते हैं और वहां पर भोलेनाथ का जलाभिषेक किया जाता है rn
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