Ladakh-Kaithal Transmission Line: लद्दाख-कैथल पारेषण लाइन के लिए 20,773.7 करोड़ रुपये की मंजूरी

First Ever News Admin
3 Min Read

First Ever News, Ladakh-Kaithal Transmission Line: लद्दाख-कैथल पारेषण लाइन के लिए सरकार ने 20,773.7 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। आपको बता दें कि सरकार ने बुधवार को लद्दाख में 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना से हरियाणा के कैथल तक सौर बिजली पहुंचाने के लिए 20,773.70 करोड़ रुपये की लागत से पारेषण लाइन स्थापित करने को मंजूरी दे दी है।rn

rn

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए लद्दाख में 7.5 गीगावाट क्षमता का सौर पार्क स्थापित करने की घोषणा की थी। तो वहीं व्यापक क्षेत्र सर्वेक्षण के बाद नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने लद्दाख के पांग में 12 गीगावाट घंटा की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के साथ 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने की योजना तैयार की।rn

rn

दरअसल आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि इतनी बड़ी मात्रा में बिजली का निकासी के लिए एक अंतर-राजकीय पारेषण ढांचा स्थापित करने की जरूरत होगी। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने हरित ऊर्जा गलियारा के दूसरे चरण के लिए लद्दाख में 13 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा के लिए अंतर-राजकीय पारेषण प्रणाली की स्थापना को मंजूरी दे दी।rn

rn

इस परियोजना को वित्त वर्ष 2029-30 तक 20,773.70 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित करने का लक्ष्य है। इसमें 40 प्रतिशत राशि यानी 8,309.48 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय मदद होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस परियोजना का ठेका मार्च, 2025 तक तय हो जाने की उम्मीद है। rn

rn

इस परियोजना से पैदा होने वाली बिजली की निकासी के लिए स्थापित होने वाली पारेषण लाइन हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर हरियाणा के कैथल तक जाएगी, जहां इसे राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ा जाएगा। लेह में परियोजना से मौजूदा लद्दाख ग्रिड को आपस में जोड़ने की भी योजना बनाई गई है ताकि लद्दाख को बिजली की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।rn

rn

विज्ञप्ति के मुताबिक, इसे जम्मू-कश्मीर को बिजली प्रदान करने के लिए लेह-अलुस्टेंग-श्रीनगर लाइन से भी जोड़ा जाएगा। इस परियोजना में पांग (लद्दाख) और कैथल (हरियाणा) में 713 किलोमीटर पारेषण लाइनें (480 किमी एचवीडीसी लाइन सहित) और पांच गीगावाट क्षमता वाले हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट टर्मिनल की स्थापना शामिल होगी। rn

rn

इसके अनुसार, यह परियोजना वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन से 500 गीगावॉट की स्थापित बिजली क्षमता का लक्ष्य हासिल करने में योगदान देगी। इससे विशेष रूप से लद्दाख क्षेत्र में बिजली और अन्य संबंधित क्षेत्रों में कुशल और अकुशल दोनों कर्मियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। rn

Share This Article