RBI’s Repo Rate: महंगाई काबु में लाने के लिए रेपो रेट एक साल में 2.5 पर्सेन्ट जितना बढा है। तभी लोन धारक को काफी महंगी लोन का सामना करना पड रहा है। तभी अभी के लिए अच्छे संकेत यह भी है की, आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। जिस को चलते लोन धारक के ब्याज के दरो में कोई बदलाव नहीं होगा। क्योंकी चालू वित्त वर्ष के दूसरे RBI MPC ने लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। rn
आरबीआई गवर्नर ने ऐलान किया कि इस बार भी ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे पहले अप्रैल महीने में भी ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। रेपो रेट में आखिरी बढ़ोतरी फरवरी में की गई थी। फिर आरबीआई ने 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की। रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी भी देश का केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। जब बैंकों के पास धन की कमी होती है तो वे केंद्रीय बैंक से धन उधार ले सकते हैं। इस पैसे पर रेपो रेट लगाया जाता है।
महंगाई दर भी 5 फीसदी से नीचे आ गई
मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं, महंगाई दर भी 5 फीसदी से नीचे आ गई है। जीडीपी के हालिया आंकड़े उम्मीद से बेहतर दिख रहे हैं। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्पादन में कटौती की घोषणा के बावजूद कीमतें 75 डॉलर से 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास मंडरा रही हैं।rn
अप्रैल महीने में महंगाई दर 4.70 फीसदी था
अप्रैल महीने में महंगाई दर 4.70 फीसदी थी। जबकि मार्च महीने में यही दर करीब 5.6 फीसदी थी। साफ है कि महंगाई का आंकड़ा दो महीने में सहनीय स्तर से नीचे आ गया है। जिसकी संभावना मई महीने में भी देखने को मिल सकती है। जानकारों की मानें तो यही वजह है कि आरबीआई इस बार महंगाई के अनुमान को कम कर सकता है। वैसे मानसून और अल नीनो पर भी आरबीआई की नजर रहेगी। इन दो कारणों से आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ सकती है। rn