UP में बिजली की दरों को लेकर बड़ी खबर, जान लें ये अपडेट

First Ever News Admin
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First Ever News, UP News: यूपी में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर आ रही है। आपको बता दें कि पावर कॉरपोरेशन ने चौथी बार कॉस्ट बुक अपडेट नहीं की है। तो वहीं विद्युत नियामक आयोग की सहमति बनी तो बिजली की कीमतें 30 से 35 फीसदी तक बढ़ जाएंगी। इसका मतलब है कि पावर कॉर्पोरेशन बिजली को और महंगा करना चाहता है।rn

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आपको बता दें कि सितंबर में, पावर कॉर्पोरेशन नामक कंपनी ने एक समूह को एक योजना भेजी जो नियम बनाती है कि लोग बिजली के लिए कितना पैसा चुकाते हैं। कई लोगों को ये योजना पसंद नहीं आई और उन्होंने इसका विरोध किया।rn

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तो वहीं अब इसलिए, समूह ने कहा कि योजना को बदलने और उन्हें वापस भेजने की आवश्यकता है। लेकिन जब अक्टूबर में संशोधित योजना वापस भेजी गई तो उसमें कोई बदलाव नहीं था। यदि इस योजना को मंजूरी मिल जाती है, तो छोटे और बड़े व्यवसायों को गारंटी के रूप में भुगतान की जाने वाली राशि बहुत अधिक हो सकती है, शायद आधी या दोगुनी से भी अधिक। rn

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तो वहीं इसका मतलब यह भी हो सकता है कि व्यवसायों के लिए नए बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की लागत बहुत अधिक बढ़ सकती है, शायद दोगुनी भी हो सकती है। और जिन लोगों के पास ये कनेक्शन हैं उन्हें इसके लिए भुगतान करना होगा।rn

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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में लोगों को बिजली की उचित कीमतें सुनिश्चित करने के प्रभारी अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वह बिजली को और अधिक महंगा करने के विचार के खिलाफ लड़ेंगे। उन्होंने बिजली की कीमतों के बारे में निर्णय लेने वाले समूह की बैठक में बोलने और विरोध करने की योजना बनाई है।rn

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बता दें कि ट्रांसफार्मर का उपयोग करने की बात आएगी तो किसानों के पास अधिक विकल्प होंगे। उन्हें 25 केवीए के बड़े ट्रांसफार्मर का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होगी, यदि उन्हें केवल एक छोटे ट्रांसफार्मर की आवश्यकता होगी। वे अब नए कनेक्शन और 12 हॉर्स पावर तक के ट्यूबवेल के लिए 16 केवीए ट्रांसफार्मर का उपयोग कर सकते हैं।rn

दरअसल कुछ लोग सवाल पूछ रहे हैं क्योंकि प्रीपेड मीटर की दरें बदल सकती हैं और हमेशा एक जैसी नहीं होती हैं। पावर कॉरपोरेशन ने सभी को यह नहीं बताया है, कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत कितनी होगी। अन्य बिजली कंपनियां पहले ही इन मीटरों को खरीदने के लिए बोलियां मांग चुकी हैं। मीटरों की अंतिम कीमतें तय कर ली गई हैं। rn

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लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि पावर कॉरपोरेशन ने कीमतें क्यों साझा नहीं कीं। उपभोक्ता परिषद आयोग द्वारा आयोजित बैठक में मूल्य वृद्धि के खिलाफ बोलेगी। वे लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली अन्य चीज़ों की अनुचित कीमतों के बारे में भी बात करेंगे। सुरक्षा कंपनी अपने नए संयोजन के लिए सर्वोत्तम दरों की पेशकश कर रही है।rn

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तो वहीं छोटी और मध्यम बिजली की लागत 1,350 रुपये से बढ़कर 3,000 रुपये प्रति किलोवाट हो गई है, जो 122 प्रतिशत की वृद्धि है। गैर-औद्योगिक भार 4,500 रुपये से बढ़कर 6,000 रुपये प्रति केवीए हो गया है, जो 33 प्रतिशत की वृद्धि है। बड़ी और भारी बिजली 2,200 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट हो गई है, जो 127 प्रतिशत की वृद्धि है।

चार्जिंग सबस्टेशन की लागत 400 रुपये से बढ़कर 3,000 रुपये प्रति किलोवाट हो गई है, जो 650 प्रतिशत की वृद्धि है। rn

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